रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसे ही दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरे, पूरा माहौल अचानक बदल गया। प्रोटोकॉल के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद एयरपोर्ट पहुंचे और पुतिन का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने पहले गर्मजोशी से हाथ मिलाया और फिर गले मिले। यह दृश्य इतना अप्रत्याशित था कि वहां मौजूद विदेशी मीडिया भी कुछ पल के लिए हैरान रह गया। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की यह पहली भारत यात्रा है, इसलिए इसे सिर्फ एक कूटनीतिक मुलाकात नहीं, बल्कि वैश्विक संकेत माना जा रहा है।
पुतिन इससे पहले आखिरी बार 6 दिसंबर 2021 को भारत आए थे। उस समय वे सिर्फ 4 घंटे के लिए भारत पहुंचे थे और दोनों देशों के बीच 28 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। इस बार यात्रा और भी बड़ी है—करीब 30 घंटे का समय, कई मंत्री पहले से भारत में, और आर्थिक-रणनीतिक स्तर पर कई नई दिशाएं तय हो सकती हैं।
गाड़ी में साथ बैठकर निकले दोनों नेता
एयरपोर्ट पर स्वागत के बाद जो हुआ, वह और भी चौंकाने वाला था। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन एक ही गाड़ी में बैठकर एयरपोर्ट से बाहर निकले। यह दृश्य दुनिया भर के लिए संदेश था कि भारत-रूस संबंधों में गर्माहट बरकरार है और दोनों नेताओं की केमिस्ट्री शब्दों से ज्यादा इशारों में दिखती है।
#WATCH | Russian President Vladimir Putin lands in Delhi; Prime Minister Narendra Modi receives him at the airport
President Putin is on a two-day State visit to India. He will hold the 23rd India-Russia Annual Summit with PM Narendra Modi in Delhi on December 5
(Source: DD) pic.twitter.com/wFcL9of7Eg
— ANI (@ANI) December 4, 2025
इससे पहले भी कई मौकों पर पुतिन और मोदी की दोस्ताना बॉन्डिंग देखने को मिली है। SCO समिट के दौरान चीन के तियानजिन में पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी का लगभग 10 मिनट तक इंतजार किया था ताकि दोनों एक साथ द्विपक्षीय वार्ता के स्थल तक पहुंचें। यह घटना बताती है कि दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत विश्वास कितना मजबूत है।
पुतिन के सम्मान में PM मोदी रखेंगे स्पेशल डिनर
पुतिन के भारत दौरे को खास बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी सोमवार रात उनके सम्मान में एक प्राइवेट डिनर आयोजित कर रहे हैं। इस डिनर को भारत-रूस रिश्तों की नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
इस बार रूस के कई बड़े मंत्री पहले ही भारत पहुंच चुके हैं। डिप्टी प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु, कृषि मंत्री दिमित्री पेट्रोव और अन्य अधिकारी। इससे साफ है कि यह विज़िट सिर्फ दिखावे की कूटनीति नहीं, बल्कि बड़े निर्णयों और समझौतों का मंच बन सकती है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बदले अंतरराष्ट्रीय समीकरणों में भारत की भूमिका और भी अहम हो चुकी है। ऐसे में दोनों देशों के बीच ऊर्जा, रक्षा, व्यापार, और परमाणु सहयोग पर नई घोषणाएं संभव हैं।
पुतिन से पहले PM मोदी दो बार गए रूस
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी भी पिछले दो सालों में रूस के साथ लगातार संवाद बनाए हुए थे। 2024 में वे दो बार रूस गए। पहली बार जुलाई में और फिर BRICS समिट के लिए 22 अक्टूबर को। जुलाई की यात्रा के दौरान ही उन्होंने पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया था।
इसके बाद सितंबर में दोनों नेता चीन के तियानजिन में SCO सम्मेलन के दौरान मिले, जहां फिर से उनकी दोस्ताना मुलाकात चर्चा में रही।
अब पुतिन की यह भारत यात्रा उस पूरी प्रक्रिया का नतीजा है, जिसमें दोनों देश एक बार फिर अपने रिश्तों को नई रणनीतिक दिशा देने के लिए तैयार दिख रहे हैं। वैश्विक स्तर पर अमेरिका, चीन और यूरोप इस मुलाकात को बड़े ध्यान से देख रहे हैं क्योंकि भारत-रूस संबंधों की मजबूती कई अंतरराष्ट्रीय रेखाओं को प्रभावित कर सकती है।
Read more-बिहार विधानसभा में गूंजा बुलडोजर विवाद: सम्राट चौधरी बोले— ‘मेरा नाम सम्राट है, बुलडोजर नहीं’
