Sunday, December 7, 2025
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6 बार घर से भागे, जंजीर में बांध दिया गया प्रेमी, फिर भी नहीं टूटा प्यार, लैला-मजनू की तरह है कमाल–सिमरन की लव स्टोरी

सहारनपुर के कमाल और सिमरन की प्रेम कहानी संघर्ष और जज्बे की मिसाल है। परिवार के विरोध, जंजीरों और छह बार घर से भागने के बावजूद उनका प्यार नहीं टूटा। अंत में परिवार ने शादी के लिए हां कर दी।

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सहारनपुर के रहने वाले कमाल और सिमरन की प्रेम कहानी उन प्रेम कहानियों में से है, जिन्हें सुनकर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। सामान्य सी मुलाकात से शुरू हुई यह कहानी धीरे-धीरे इतनी गहरी हो गई कि दोनों एक-दूसरे से अलग होने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। कमाल ने एक दिन हिम्मत जुटाकर सिमरन को सीधे-सीधे प्रपोज कर दिया। सिमरन ने प्रस्ताव स्वीकार तो कर लिया, लेकिन पहले अपने परिवार की राय जानना जरूरी समझा। लड़की की मां ने शादी के लिए हामी भर दी, जिससे दोनों को लगा कि अब उनकी राह आसान हो जाएगी, लेकिन असली मुश्किलें तब शुरू हुईं जब बात कमाल के घर पहुंची और परिवार ने इस रिश्ते को सिरे से ठुकरा दिया।

परिवार के डर से पहली बार भागे

कमाल को लगने लगा कि कहीं वह सिमरन को हमेशा के लिए खो न दे। इसी डर ने उन्हें अपना पहला बड़ा कदम उठाने पर मजबूर किया। दोनों पहली बार घर से भागकर अलीगढ़ पहुंचे और कुछ दिन वहीं रहे। लेकिन परिवार ने उन्हें ढूंढ़ निकाला और वापस ले आया। इसके बाद भी स्थितियां नहीं बदलीं—कमाल के परिवार का विरोध और कठोर हो गया। दूसरी ओर, दोनों को एक-दूसरे पर विश्वास और मजबूत हो गया। घर से दूर ले जाने पर भी परिवार ने दोनों को अलग करने की कोशिशें जारी रखीं, लेकिन हर बार कोशिश नाकाम रही।

जब प्यार को रोकने के लिए बढ़े कठोर कदम

घर वालों ने जब देखा कि कमाल बार-बार भाग जाता है, तो उन्होंने कठोर कदम उठाते हुए उसे घर के एक कमरे में जंजीर से बांधकर रखना शुरू कर दिया। शायद यह उनके परिवार को लगा कि यही तरीका रिश्ते को खत्म कर सकता है, लेकिन कमाल और सिमरन का प्यार इससे कम नहीं हुआ। जंजीरों ने उसके पांव बांधे, लेकिन उसके दिल को रोक नहीं सकीं। हर अवसर मिलने पर दोनों फिर से एक-दूसरे के पास पहुंचने की कोशिश करते रहे। कमाल के मुताबिक, वह छह बार घर से भागने की कोशिश कर चुका था। हर बार वह पकड़ा भी गया, रोका भी गया, लेकिन प्यार की डोर बार-बार उसे सिमरन की ओर खींच लाती थी।

आख़िर मान गया परिवार, पूरी हुई प्रेम कहानी

दो साल तक चली जद्दोजहद ने आखिरकार दोनों परिवारों को सोचने पर मजबूर कर दिया। दोनों के दृढ़ इरादों और सच्ची चाहत के आगे अंत में परिवारों को झुकना पड़ा। रिश्ते का विरोध करने वाले भी मान गए कि यह प्रेम सिर्फ आकर्षण नहीं, बल्कि एक गहरा और सच्चा बंधन है। अंततः परिवारों ने दोनों की शादी के लिए सहमति दे दी। कमाल और सिमरन की आंखों में खुशी साफ नजर आ रही थी। उनकी कहानी आज उनके क्षेत्र में एक मिसाल बन गई है। लोग इसे आधुनिक समय की लैला–मजनू की कहानी कह रहे हैं—जहां प्रेम ने समाज की हर दीवार तोड़ दी। संघर्ष के बाद आखिर जीत उसी की होती है जिसकी नीयत और चाहत सच्ची होती है।

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