पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पिछले कई हफ्तों से कौन-सी हालत में हैं, यह सवाल पूरे पाकिस्तान में गूंज रहा है। भ्रष्टाचार मामले में अगस्त 2023 से जेल में बंद इमरान को लेकर अचानक माहौल गरमा गया है। छह हफ्तों से न उनके परिवार को उनसे मिलने दिया गया है, न ही किसी वकील को। मुलाकात पर लगातार रोक, कोई फोन कॉल नहीं और जेल प्रशासन की चुप्पी ने आम जनता से लेकर PTI कार्यकर्ताओं तक सबको झकझोर दिया है। रावलपिंडी की जेल के बाहर समर्थक रात भर धरने पर बैठ रहे हैं और इमरान की सुरक्षा को लेकर नारों के बीच सरकार से पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।
बेटे कासिम खान का तेवरी भरा आरोप,“हमें जीवित होने का सबूत तक नहीं दिया गया”
इमरान खान के बेटे कासिम खान ने सोशल मीडिया पर बेहद भावुक पोस्ट करते हुए शहबाज सरकार और जेल प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने लिखा कि छह हफ्तों से उन्हें यह भी नहीं बताया गया कि उनके पिता जिंदा हैं या नहीं। कासिम के अनुसार न परिवार को मुलाकात की अनुमति मिल रही है, न ही अदालत के आदेशों का पालन। उनका दावा है कि इमरान खान को “डेथ सेल” जैसे एकांत कारावास में रखा गया है और परिवार को पूर्ण “ब्लैकआउट मोड” में रखा गया है। कासिम ने इस स्थिति को छिपाने की साजिश बताते हुए PM शहबाज शरीफ और वरिष्ठ अफसर मुनीर को कानूनी जिम्मेदारी से नहीं बचने देने की चेतावनी दी है।
सरकार की सफाई
पाकिस्तान सरकार का कहना है कि इमरान खान पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें कहीं शिफ्ट नहीं किया गया है। सरकार के एक वरिष्ठ सलाहकार ने टीवी इंटरव्यू में दावा किया कि डॉक्टरों की एक टीम हर दिन उनकी जांच करती है, दवाइयों और खानपान का पूरा ध्यान रखा जाता है। हालांकि सरकार की इस सफाई पर जनता और PTI दोनों भरोसा नहीं कर रहे। सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है। अगर इमरान खान ठीक हैं तो परिवार या पार्टी का कोई भी प्रतिनिधि उनसे मिलने क्यों नहीं पा रहा? अदालत के आदेशों के बावजूद जेल प्रशासन मुलाकात क्यों रोक रहा है?
सोशल मीडिया पर रोज ट्रेंड— ‘इमरान खान कहां हैं?’
जैसे-जैसे मुलाकात न होने की खबरें बढ़ीं, अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी इस मुद्दे पर चिंता जतानी शुरू कर दी है। जापान के निक्केई और ब्रिटेन के BBC ने इमरान खान की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया पर रोज “इमरान खान कहां हैं?” हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। PTI का प्रतिनिधिमंडल हर दूसरे दिन जेल पहुंचता है, लेकिन हर बार मिलने से मना कर दिया जाता है। समर्थकों का कहना है कि इमरान को लेकर सरकार की चुप्पी कई गंभीर आशंकाओं को जन्म दे रही है। देशभर में यह मांग तेज हो रही है कि सरकार तुरंत सबूत पेश करे कि इमरान खान सुरक्षित हैं और उन पर कोई अत्याचार नहीं हो रहा।
