देश की रक्षा तैयारियों और रणनीतिक संतुलन को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल, जो इस माह के अंत यानी 30 सितंबर को समाप्त होने वाला था, अब बढ़ा दिया गया है। सरकार ने उन्हें 30 मई 2026 तक पद पर बने रहने की अनुमति दी है। यह विस्तार उस समय आया है जब देश सैन्य सुधारों और नीतिगत बदलावों के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है। मई 2026 में जनरल चौहान की आयु 65 वर्ष हो जाएगी, जो CDS पद के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा है।
तीनों सेनाओं के एकीकरण में निभाएंगे निर्णायक भूमिका
जनरल अनिल चौहान के सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत की तीनों सेनाओं – थल, वायु और नौसेना – के बीच गहराई से समन्वय स्थापित करना है। हायर डिफेंस मैनेजमेंट में जारी सुधारों को भी वह नई दिशा देने जा रहे हैं। सेना के शीर्ष नेतृत्व में निरंतरता बनाए रखने और रिफॉर्म एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए यह विस्तार बेहद अहम माना जा रहा है। उनकी अगुवाई में, भारत की सैन्य रणनीति और ऑपरेशनल प्लानिंग को वैश्विक स्तर पर और अधिक मजबूती मिलेगी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सख्त सैन्य नीति की उम्मीद
विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत का रुख पाकिस्तान को लेकर पहले से कहीं अधिक सख्त हुआ है। जनरल चौहान की पद पर मौजूदगी इस नीति में निरंतरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनका अनुभव और रणनीतिक सोच यह सुनिश्चित करेगी कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करे, बल्कि भविष्य की किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहे। सीडीएस पद पर उनका विस्तार देश को स्थिर, अनुभवी और निर्णायक नेतृत्व देने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
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