मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी को लेकर आपत्तिजनक एआई (AI) कंटेंट प्रसारित किया गया था। ये वीडियो बिहार कांग्रेस के आधिकारिक “एक्स” (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से पोस्ट किया गया था, जिससे देशभर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मच गई। पुलिस का कहना है कि यह वीडियो न केवल प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने का प्रयास है, बल्कि नैतिकता, कानून और महिलाओं की गरिमा का भी घोर उल्लंघन है।
FIR में दर्ज की गई IPC-2023 की गंभीर धाराएं
एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की कई गंभीर धाराओं का जिक्र किया गया है—जैसे धारा 18(2) (झूठी जानकारी से नुकसान पहुंचाना), 336(3) और 336(4) (आभासी मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार), 340(2) (साइबर उत्पीड़न), 352 (मानहानि), 356(2) (फर्जी डिजिटल सामग्री का प्रचार) और 61(2) (महिला गरिमा का उल्लंघन)। पुलिस का दावा है कि यह एक योजनाबद्ध साइबर साजिश हो सकती है जिसका उद्देश्य सार्वजनिक भावनाओं को भड़काना और राजनैतिक माहौल को दूषित करना है। केस दिल्ली साइबर सेल को सौंपा गया है और तकनीकी फॉरेंसिक जांच भी शुरू हो चुकी है।
राजनीतिक हलचल और कांग्रेस की चुप्पी
इस पूरे मामले पर कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस वीडियो से खुद को अलग कर सकती है और आंतरिक जांच शुरू कर सकती है। उधर, सत्तारूढ़ भाजपा ने इस वीडियो को “घृणित और निम्नस्तरीय राजनीति” करार दिया है और कड़ी सजा की मांग की है। यह मामला देश में एआई कंटेंट के नियमन, साइबर अपराध और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही पर एक बार फिर बहस को तेज कर सकता है।
