लखीमपुर जिले की तीन तलाक पीड़िता नूरजहां ने हाल ही में हिंदू धर्म अपनाया और अपना नाम बदलकर पूनम रख लिया। यह फैसला उनके जीवन में एक नई शुरुआत लेकर आया। नूरजहां पहले तीन तलाक जैसी कठिन परिस्थितियों का सामना कर चुकी थीं, लेकिन अब उन्होंने अपने जीवन में खुशियों और नई पहचान की दिशा में कदम रखा।
दोस्ती से प्यार तक का सफर
पूनम और धर्मपाल की कहानी पांच साल पुरानी दोस्ती पर आधारित है। धर्मपाल ने पहले नूरजहां की पीड़ा को समझा और उनका साहस बढ़ाया। धीरे-धीरे दोस्ती ने प्यार का रूप ले लिया और दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया। यह रिश्ता साबित करता है कि सच्ची समझ और सहानुभूति जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
शादी के बाद पूनम और धर्मपाल का जीवन पूरी तरह बदल गया। उनके परिवार ने भी इस फैसले को खुले दिल से स्वीकार किया और इसे नए अध्याय की तरह देखा। यह घटना समाज में यह संदेश देती है कि कठिन परिस्थितियों के बाद भी नया जीवन और खुशियों की शुरुआत संभव है।
तीन तलाक पीड़िता की प्रेरणादायक कहानी
तीन तलाक जैसी सामाजिक समस्या से जूझने के बाद, पूनम ने अपनी जिंदगी में साहस और आत्मनिर्भरता का परिचय दिया। उनकी कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है जो कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही हैं। पूनम अब अपने नए परिवार और धर्म के साथ खुशहाल जीवन जी रही हैं।
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