दिल्ली के दिल में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब मंगलवार शाम लाल किले के पास एक चलती कार में जोरदार धमाका हुआ। नया CCTV फुटेज अब सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि किस तरह ट्रैफिक के बीच में अचानक कार से धुआं निकलता है और कुछ ही सेकंड में धमाके की गूंज चारों ओर फैल जाती है। लोग डर के मारे इधर-उधर भागते नजर आते हैं। पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है और बम डिस्पोजल स्क्वॉड ने मौके से कई अहम सबूत बरामद किए हैं।
इस नए फुटेज ने जांच एजेंसियों की दिशा पूरी तरह बदल दी है। वीडियो में एक सफेद रंग की कार सड़क किनारे खड़ी दिखाई देती है, जिसमें कुछ सेकंड पहले तक एक शख्स मौजूद था। जैसे ही वह कार से बाहर निकलता है, कुछ मिनटों बाद धमाका हो जाता है। अब सुरक्षा एजेंसियां उस व्यक्ति की पहचान करने और उसके मूवमेंट्स को ट्रैक करने में जुट गई हैं। बताया जा रहा है कि कार में टाइम्ड डिवाइस लगाया गया था जो रिमोट से डिटोनेट किया गया।
विदेशी कनेक्शन की आशंका
जांच के शुरुआती संकेतों से पता चला है कि यह धमाका किसी स्थानीय गिरोह का काम नहीं था। सूत्रों के अनुसार, कार में इस्तेमाल विस्फोटक RDX नहीं बल्कि एक उच्च-स्तरीय प्लास्टिक विस्फोटक था, जो अक्सर सीमापार आतंकी संगठनों द्वारा उपयोग किया जाता है। खुफिया एजेंसियां अब इंटरपोल और कुछ पड़ोसी देशों की एजेंसियों से संपर्क में हैं ताकि संदिग्धों के अंतरराष्ट्रीय लिंक की पुष्टि की जा सके।
VIDEO | CCTV footage captures the exact moment of the blast near Delhi’s Red Fort.
A blast took place in a slow-moving car at a traffic signal near the Red Fort metro station on Monday evening, killing 12 people, injuring many and gutting several vehicles.
(Source: Third Party)… pic.twitter.com/xjpScNpJ5Y
— Press Trust of India (@PTI_News) November 12, 2025
धमाके से पहले दिखे दो संदिग्ध, पहचान के प्रयास जारी
CCTV फुटेज के दूसरे एंगल में दो संदिग्ध व्यक्ति नजर आए हैं, जो धमाके से करीब 15 मिनट पहले उसी इलाके से गुजरे थे। इनमें से एक व्यक्ति के हाथ में बैग दिखाई दे रहा है। पुलिस ने चेहरा पहचानने वाली तकनीक (Face Recognition System) की मदद से दोनों की तलाश शुरू कर दी है। वहीं, दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने आसपास के सभी पेट्रोल पंप, होटल और किराये के गेस्ट हाउस से पिछले एक हफ्ते की फुटेज मांगी है।
धमाके के बाद फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने मौके से जले हुए मेटल के टुकड़े, बैटरी के अवशेष और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बरामद किए हैं। शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि यह धमाका किसी रिहर्सल या ट्रायल रन का हिस्सा हो सकता है, जिसका लक्ष्य कुछ बड़ा था। इस बीच लाल किले और आस-पास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पूरे क्षेत्र में पुलिस की तैनाती दोगुनी कर दी गई है, और आने-जाने वालों की सघन जांच की जा रही है।
राजनीतिक हलचल तेज
घटना के बाद दिल्ली और केंद्र सरकार में हलचल मच गई है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस और एनआईए से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरीके से यह ब्लास्ट हुआ है, उससे साफ है कि किसी प्रशिक्षित मॉड्यूल ने इस घटना को अंजाम दिया। वहीं विपक्षी दलों ने दिल्ली में बढ़ती सुरक्षा खामियों पर सवाल उठाए हैं।
धमाके के वक्त वहां मौजूद लोगों ने बताया कि पहले उन्हें लगा टायर फट गया है, लेकिन धमाके की आवाज और झटका इतना तेज था कि आसपास के दुकानों के शीशे तक टूट गए। एक दुकानदार ने बताया कि “हमने देखा कार में से धुआं निकल रहा था, कुछ सेकंड में धमाका हुआ और लोग भागने लगे।” इस हादसे के बाद इलाके में अब भी दहशत का माहौल है और पुलिस लगातार पेट्रोलिंग कर रही है।
क्या यह किसी बड़े हमले की झलक थी?
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली ब्लास्ट की यह घटना किसी बड़ी आतंकी साजिश का संकेत हो सकती है। धमाके के टाइमिंग, लोकेशन और तरीके से यह स्पष्ट है कि यह सिर्फ डर फैलाने के लिए नहीं, बल्कि एक संदेश देने के लिए किया गया हमला था। जांच एजेंसियां अब यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं यह किसी विदेशी संगठन की “ड्राई रन” रणनीति तो नहीं थी।
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