जम्मू-कश्मीर एक बार फिर एक ऐसे हादसे से दहल उठा, जिसने सालों पुरानी शांति की कोशिशों को झकझोर दिया। श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन के पास शुक्रवार देर रात हुआ नौगांव ब्लास्ट इतना शक्तिशाली था कि आसपास के घरों की खिड़कियां और दुकानों के शीशे टूटकर बिखर गए। रात का सन्नाटा एक धमाके ने ऐसे चीरा कि पूरा इलाका सहम गया। चंद सेकेंडों में फैल गया धुआं, और हर तरफ लोगों की चीखें सुनाई देने लगीं।
धमाका उस वक्त हुआ जब फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम, स्थानीय पुलिसकर्मी और एक राजस्व अधिकारी जब्त किए गए विस्फोटक पदार्थ—मुख्य रूप से अमोनियम नाइट्रेट—की जांच कर रहे थे। यह वही सामग्री थी जिसे हरियाणा के फरीदाबाद से बरामद कर नौगाम थाने में जांच के लिए सुरक्षित रखा गया था। अधिकारियों के अनुसार, यह अमोनियम नाइट्रेट “अत्यधिक अस्थिर” स्थिति में था, लेकिन इतनी बड़ी दुर्घटना की संभावना शायद किसी ने नहीं सोची थी।
हादसे में 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 29 गंभीर रूप से घायल हुए। सबसे डरावनी बात यह रही कि पूरा घटनाक्रम पास लगे CCTV कैमरे में कैद हो गया। धुंधले-से फुटेज में बस इतना दिखता है कि एक सेकेंड पहले सब सामान्य था और अगले ही पल एक तेज चमक के साथ पूरा कमरा हवा में उड़ जाता है। यही फुटेज अब जांच का अहम आधार बना हुआ है।
अचानक क्यों भड़क गया अमोनियम नाइट्रेट?
नौगांव ब्लास्ट का सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर विस्फोटक उस समय ही क्यों फटा जब जांच चल रही थी? विशेषज्ञों की मानें तो अमोनियम नाइट्रेट सामान्य परिस्थितियों में आसानी से नहीं फटता। लेकिन जब इसकी मात्रा अधिक हो, इसका घनत्व बदला हो, या इसके साथ किसी और केमिकल की मिलावट हो जाए, तो यह बेहद खतरनाक हो सकता है।
BREAKING | A massive explosion was caught on CCTV near the Nowgam area of Srinagar on Friday. pic.twitter.com/FfzLKDsPSL
— WION (@WIONews) November 14, 2025
स्थानीय पुलिस सूत्रों के अनुसार, FSL टीम को पहले ही चेतावनी दी गई थी कि जब्त किया गया पदार्थ “संदिग्ध” है और संभवतः अस्थिर अवस्था में है। लेकिन जांच जरूरी थी, इसलिए टीम ने नियंत्रित परिस्थितियों में परीक्षण शुरू किया। प्रारंभिक आशंका है कि विस्फोटक बैग या कंटेनर के भीतर दबाव काफी बढ़ चुका था। जैसे ही परीक्षण के दौरान हल्की-सी हलचल हुई, कैमिकल रिएक्शन ने जोर पकड़ लिया।
जांच के दौरान मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुछ सेकेंडों पहले तक कोई संकेत नहीं था कि सामग्री विस्फोटक स्तर तक गर्म या सक्रिय हो चुकी है। अचानक से आई भयंकर चमक ने टीम को संभलने का मौका तक नहीं दिया।
इस बात की भी जांच हो रही है कि कहीं बरामद की गई सामग्री में पहले से ही कोई प्राइमर या डेटोनेटर जैसा उपकरण तो नहीं था। अगर ऐसा हुआ, तो यह पूरा मामला सामान्य जांच से हटकर आतंकवाद से जुड़ी बड़ी साजिश की तरफ भी इशारा कर सकता है। NIA और SIA की टीमें भी मौके पर पहुंच चुकी हैं।
CCTV फुटेज में दिखा तबाही का सच—एक झटके में उड़ गया पूरा कमरा
नौगांव ब्लास्ट का CCTV फुटेज अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, हालांकि सुरक्षा एजेंसियां इसे नियंत्रित करने की कोशिश में हैं। फुटेज में दिखता है कि टीम टेबल पर रखे बैग की जांच कर रही थी। अचानक एक तेज़ रोशनी और फिर बड़ा धमाका। एक सेकंड में कमरे की सारी चीजें हवा में उड़ जाती हैं।
धुआं इतना गाढ़ा था कि शुरुआत में यह पता ही नहीं चला कि कौन बचा है और कौन नहीं। बचाव दल को अंदर प्रवेश करने में भी काफी समय लगा, क्योंकि कमरे का स्ट्रक्चर लगभग ध्वस्त हो चुका था। बाहर तक भी जलने की बदबू और बारूद का धुआं फैल गया था।
आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि लगा जैसे किसी बड़ी इमारत को उड़ा दिया गया हो। कुछ घरों की दीवारों में भी दरारें आ गईं। बच्चे घबराकर बाहर भागते रहे और सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
पुलिस ने रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और घायलों को फौरन अस्पताल पहुंचाया। श्रीनगर के कई अस्पतालों में इमरजेंसी अलर्ट जारी कर दिया गया। कुल 29 घायल अब भी उपचाराधीन हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
यह भी सामने आया है कि विस्फोटक सामग्री जिस कमरे में रखी गई थी, वह पूरी तरह सुरक्षित नहीं था। मैनुअल में ऐसी चीजों के स्टोरेज के लिए अलग तापमान, वेंटिलेशन और सुरक्षा नियम बताए गए हैं, जिनका यहां पालन नहीं किया गया। यह लापरवाही भी मौतों का बड़ा कारण बनी।
