Sunday, December 7, 2025
Homeदुनिया"भारत के इशारे पर हमला?" – तालिबान से मात खाकर गिड़गिड़ाए शहबाज,...

“भारत के इशारे पर हमला?” – तालिबान से मात खाकर गिड़गिड़ाए शहबाज, अब शांति की भीख मांग रहा पाकिस्तान

-

तालिबान ने पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब देकर पूरे दक्षिण एशिया की राजनीति में हलचल मचा दी है। पाक-अफगान सीमा पर बीते कुछ दिनों से हालात बेकाबू हो गए हैं। बार-बार चेतावनियों के बावजूद तालिबान ने पाकिस्तान के खिलाफ हमला बोल दिया, जिससे वहां की फौज और सत्ता दोनों हिल गए। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अगुवाई में गुरुवार, 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई गई, जिसमें पाकिस्तान की कमजोर स्थिति साफ दिखाई दी।

तालिबान ने जिस तरह से पाकिस्तान की सीमा चौकियों पर हमले किए, उससे न केवल दर्जनों सैनिक घायल हुए, बल्कि कई को पीछे हटना पड़ा। इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान ने अचानक रुख बदलते हुए अफगान सरकार से 48 घंटे के अस्थायी सीजफायर की मांग की, जो किसी तरह स्वीकार कर लिया गया। अब पाकिस्तान का यह नरम रुख पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा संकेत बन गया है कि इस्लामाबाद अब युद्ध नहीं, शांति चाहता है।

भारत पर फिर फेंका ‘इल्ज़ाम का तीर’, लेकिन तीर उल्टा पड़ा

शहबाज शरीफ ने अपनी ही नाकामी को छुपाने के लिए भारत का नाम घसीटते हुए नया विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि “तालिबान ने पाकिस्तान पर हमले भारत के कहने पर किए हैं।” यह बयान ऐसे समय आया है जब अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत के दौरे पर हैं। इसका मतलब साफ है कि पाकिस्तान को अफगान-भारत बढ़ती नजदीकियां परेशान कर रही हैं।

इस बयान के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने शहबाज के रवैये को ‘डिप्लोमैटिक हार’ करार दिया है। जहां पहले पाकिस्तान तालिबान को ‘भाई’ मानता था, अब उसी तालिबान से माफी और सीजफायर की गुहार लगाना उसकी फौरी कमजोरी को उजागर कर रहा है। भारत के ऊपर आरोप लगाने से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान की स्थिति और अधिक हास्यास्पद हो गई है।

अंदरखाने मची है खलबली, काबुल रवाना हुए पाक के मंत्री

पाकिस्तान ने अचानक अफगानिस्तान के प्रति अपने सुर बदल लिए हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने विदेश मंत्री इशाक डार और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को विशेष मिशन पर काबुल रवाना किया है। उनका मकसद है तालिबान शासन से स्थायी संघर्ष विराम की मांग करना। एक समय था जब पाकिस्तान तालिबान पर प्रभाव रखने का दावा करता था, लेकिन अब तालिबान की शर्तों पर झुकना इस बात का प्रमाण है कि ‘साँप को दूध पिलाने’ की कीमत अब पाकिस्तान चुका रहा है।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान सरकार इस बात से चिंतित है कि अगर तालिबान के हमले यूं ही जारी रहे, तो सीमा पर अस्थिरता और बढ़ सकती है और पाकिस्तानी सेना के मनोबल पर भी असर पड़ेगा। इसीलिए बातचीत की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन तालिबान की तरफ से अब तक किसी ठोस आश्वासन की खबर नहीं है। उल्टा, अब गेंद तालिबान के पाले में है — वह तय करेगा कि शांति होगी या फिर पाकिस्तान को और झुकना पड़ेगा।

READ MORE-‘पापा को मारा गया है’…, बेटे की मासूम जुबान ने खोला ‘कातिल मां’ का राज!

Related articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest posts