India Chandrayan Mission: बीते शुक्रवार को भारत ने Chandrayaan-3 मिशन लॉन्च कर दिया है. इस मिशन के अंतर्गत चांद पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को भेजा गया, जो कि बहुत से वैज्ञानिक प्रयोग वहां पर करेंगे. दुनिया भर के देशों और लोगों ने इस मिशन को लेकर भारत को बहुत की बधाइयां दी, लेकिन कुछ लोग हैं जिन्होंने भारत के अंतरिक्ष में बढ़ती तरक्की को सही नहीं माना. ब्रिटेन के एक नेता ने कुछ ऐसा ही बयान दिया है जिससे साफ नजर आता है कि वह आज भी औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर नहीं आ पाए हैं. उनकी नजर में आज भी भारत एक पिछड़े और गरीब देश है जो विदेशी मदद पर जिंदा है.
किया व्यंग्यपूर्ण ट्वीट
ब्रिटेन फर्स्ट पार्टी के नेता पॉल गोल्डिंग ने एक ट्वीट किया. यह एक व्यंग्यात्मक था जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘आपके अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता पर बधाई भारत, और ब्रिटेन के राजनेताओं को शर्म आनी चाहिए जो अनावश्यक रूप से भारत को विदेशी सहायता के रूप में लाखों पाउंड देते रहते हैं.’
उनके ट्वीट को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे भारत के लोग ब्रिटेन के मिलने वाले दान पर ही जीवित हैं. उनके इस बयान पर भारतीयों ने भी उनको काफी खरी-खोटी सुनाई. एक यूजर ने इस पर लिखा कि ‘ब्रिटेन ने आज की कीमत के हिसाब से भारत से 45 ट्रिलियन डॉलर लूटे हैं.’
भारतीयो ने सुनाई खरीखोटी
बहुत से लोगों ने ट्वीट पर कहा कि भारत सरकार ने ब्रिटेन से सहायता लेना बंद कर दिया है,जो भी मदद विदेशों से आती है वह भारत के एनजीओ को जाती है. लोगों ने यह भी कहा कि कोहिनूर हीरा भी ब्रिटिश म्यूजियम में रखा है. कई लोगों ने बोला की मदद देने की जगह बस भारत की चीजों को लौटा दो. एक अन्य ने लिखा जो भी मदद दी जाती है. वह यूके के राजनीतिक हित में होती है.
ब्रिटेन के बहुत से नेता पहले भी भारत को नीचा दिखाने के लिए दान के बारे में बातें करते रहते थे. इस पर साल 2012 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पश्चिमी देशों को सहायता देने पर सुनाया था. खबरों के अनुसार प्रणब मुखर्जी ने उस समय कहा था कि भारत को ब्रिटिश दाल की आवश्यकता नहीं है. उनके अनुसार ऊंट के मुंह में जीरे के समान है उन्होंने बोला कि ‘हमें इसकी जरूरत नहीं है। यह हमारे पूरे विकास के खर्चे में ऊंट के मुंह में जीरे की तरह है.
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