IND vs SA 2nd ODI का टॉस जैसे ही हुआ, भारतीय फैंस के लिए एक और चौंकाने वाला पल सामने आ गया। टीम इंडिया लगातार 20वीं बार टॉस हार गई। यह आंकड़ा सिर्फ बड़ा नहीं, बल्कि क्रिकेट इतिहास में बेहद दुर्लभ माना जाता है। आंकड़ों के जानकारों के मुताबिक, ऐसी संभावना लगभग 10 लाख मैचों में एक बार ही होती है। रायपुर में केएल राहुल जैसे ही टॉस पर पहुंचे, उम्मीद थी कि शायद इस बार किस्मत साथ देगी, लेकिन सिक्का फिर विपक्ष के पक्ष में ही गिर गया। इस लगातार हार के सिलसिले से फैंस मजाक भी कर रहे हैं और चिंता भी जताई जा रही है। क्रिकेट में टॉस को खेल का शुरुआती लेकिन अहम हिस्सा माना जाता है। खासकर जब पिच, ओस और हालात रणनीति को प्रभावित करते हों। ऐसे में 20 बार लगातार हारना टीम इंडिया के लिए किसी झटके से कम नहीं।
केएल राहुल ने माना—टॉस में सबसे ज्यादा दबाव होता है
टॉस हारने के बाद भारतीय कप्तान केएल राहुल ने मुस्कुराते हुए अपनी परेशानी साझा की। उन्होंने बताया कि भले यह एक छोटा-सा प्रोसेस हो, लेकिन इस समय उन पर सबसे ज्यादा प्रेशर टॉस में ही रहता है। राहुल ने हंसते हुए कहा— “मानदारी से बताऊं तो टॉस में मुझ पर सबसे ज़्यादा प्रेशर रहता है। प्रैक्टिस कर रहा हूं, लेकिन यह काम नहीं कर रहा है।” उनका यह बयान सुनकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद लोगों के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गई। राहुल ने यह भी कहा कि टीम के खिलाड़ियों ने पिछले मैच से काफी सकारात्मक चीजें सीखी हैं, जिससे मैच में उनका मनोबल ऊंचा है। उन्होंने भरोसा जताया कि टॉस हारने के बावजूद टीम की लय बनी हुई है और खिलाड़ी अपनी भूमिका अच्छी तरह जानते हैं।
ओस बनेगी बड़ा फैक्टर
रायपुर की पिच और मौसम को देखते हुए मैच से पहले ही अनुमान लगाया जा रहा था कि ओस मैच के नतीजे को काफी प्रभावित कर सकती है। राहुल ने भी इसे खुलकर स्वीकार किया। उन्होंने कहा— “ओस से बहुत फर्क पड़ता है। यह भारत में ऐसा समय है जब ओस मैच को बदल देती है। हम इसकी उम्मीद कर रहे थे।”
टीम इंडिया के गेंदबाजों ने भी इस चुनौती को ध्यान में रखकर तैयारियां की हैं। ओस के कारण गेंद फिसलती है, जिससे स्पिनरों को दिक्कत होती है और तेज गेंदबाजों के लिए स्विंग कम हो जाती है। ऐसे में गेंदबाजों ने योजनाएं बनाई हैं कि किस स्थिति में किस लाइन-लेंथ पर गेंद डालनी है। पिछले मैच में टीम को इसकी आदत पड़ चुकी है और खिलाड़ियों ने स्वीकार किया है कि वे इस चुनौती के लिए तैयार हैं।
टॉस हारकर भी आत्मविश्वास से भरी है टीम इंडिया
लगातार 20 टॉस हारने के बाद भी भारतीय टीम का आत्मविश्वास कम नहीं हुआ है। टीम का मानना है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी हों, असली जीत प्रदर्शन से मिलती है, टॉस से नहीं। पिछले मैच में टीम इंडिया ने शानदार खेल दिखाया था, जिससे मनोबल काफी मजबूत हुआ है।
राहुल ने कहा कि टीम को पता है उन्हें क्या करना है। खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज सकारात्मक है और सभी अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। भले ही लगातार टॉस हारना एक मज़ाकिया और थोड़ा परेशान करने वाला रिकॉर्ड बन गया है, लेकिन इसका मैच की असली स्थिति पर असर नहीं पड़ने दिया जाएगा। टीम की नजर सिर्फ अच्छे खेल और सीरीज जीतने पर है।
