Ind vs Eng: मैनचेस्टर टेस्ट के आखिरी दिन सब कुछ शांत सा लग रहा था, लेकिन अंतिम घंटे में अचानक ऐसा सस्पेंस देखने को मिला, जिसने फैंस की धड़कनें तेज कर दीं। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टीम इंडिया को ड्रॉ का प्रस्ताव दिया, जब मैच टाई की ओर बढ़ता दिख रहा था। लेकिन रविंद्र जडेजा की आंखों में जीत का जुनून था। उन्होंने ड्रॉ के ऑफर को ठुकरा दिया और मैदान पर टिके रहकर मोर्चा संभाला। स्टोक्स को लगा था कि जडेजा समय निकालेंगे, लेकिन ‘सर जडेजा’ ने अपनी स्क्रिप्ट खुद लिख दी।
जडेजा का स्टोक्स को करारा जवाब
ड्रॉ का ऑफर ठुकराने के कुछ ही ओवर बाद जडेजा ने गियर बदला और गेंदबाजों की बखिया उधेड़नी शुरू कर दी। बाएं हाथ के इस हरफनमौला खिलाड़ी ने न सिर्फ भारत को हार से बचाया, बल्कि इंग्लिश कप्तान स्टोक्स को करारा जवाब भी दिया। जडेजा ने अपने कंधों पर जिम्मेदारी ली और शतक पूरा करते हुए एक बार फिर साबित किया कि वो सिर्फ गेंद से ही नहीं, बल्ले से भी ‘मैच फिनिशर’ हैं। उनकी पारी ने टीम इंडिया को डूबती नैया से निकालकर ड्रॉ नहीं, ‘मानसिक जीत’ दिला दी।
मैच का असर और फैंस की प्रतिक्रिया
मैच के बाद क्रिकेट फैंस ने जडेजा के इस फैसले को ‘रियल गेम स्पिरिट’ बताया। सोशल मीडिया पर ‘No Handshake, Just Bat’ ट्रेंड करने लगा। भारतीय ड्रेसिंग रूम में भी जश्न का माहौल था, क्योंकि यह केवल एक ड्रॉ नहीं था—यह स्टोक्स की चाल को नाकाम करने की मानसिक जीत थी। टेस्ट क्रिकेट के इस क्लासिक मोमेंट ने दिखा दिया कि कैसे एक खिलाड़ी पूरे मैच का रुख पलट सकता है। कप्तान रोहित शर्मा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जडेजा की तारीफ करते हुए कहा, “हमेशा शांत दिखने वाला ये खिलाड़ी, असल में मैदान पर तूफान लेकर आता है।”
