Sunday, December 7, 2025
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रक्षा बंधन 2025: राखी बांधने का समय मात्र 7 घंटे 36 मिनट! जानें शुभ मुहूर्त और भद्रा काल

राखी बांधने का सही समय, नहीं तो पड़ सकता है भद्राकाल का असर

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Raksha Bandhan 2025 Date: इस साल रक्षा बंधन पर एक विशेष योग बन रहा है, जब बहनों को राखी बांधने के लिए केवल 7 घंटे 36 मिनट का ही मुहूर्त मिलेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पवित्र पर्व 15 अगस्त 2025 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा। यह दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ता है और भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस बार समय को लेकर सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि राखी बांधने का समय सीमित है और इसके बाहर भद्राकाल का प्रभाव देखने को मिलेगा।

शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 से दोपहर 1:51 तक

रक्षा बंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 बजे से दोपहर 1:51 बजे तक रहेगा। यानी बहनों के पास अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए कुल 7 घंटे 36 मिनट का समय होगा। इस बार विशेष बात यह है कि भद्राकाल दिन के दूसरे भाग में प्रवेश कर रहा है, जिससे समय की पाबंदी और भी जरूरी हो जाती है। परंपराओं के अनुसार भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता, इसलिए यह सलाह दी जाती है कि बहनें राखी बांधने का कार्य दोपहर 1:51 बजे से पहले ही निपटा लें।

भद्राकाल में राखी बांधने से क्यों बचना चाहिए?

भद्राकाल को हिंदू धर्म में अशुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दौरान किए गए कार्यों में विघ्न आ सकते हैं और उनके सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते। भद्राकाल रक्षा बंधन जैसे पवित्र पर्व पर शुभता को प्रभावित कर सकता है, इसलिए परंपरा यही कहती है कि इस समय में राखी बांधने से परहेज किया जाना चाहिए। इस वर्ष भद्राकाल दोपहर के बाद आरंभ होगा, जिससे राखी बांधने का समय सीमित रह जाएगा। इसलिए जरूरी है कि भाई-बहन समय का ध्यान रखते हुए दिन के पहले भाग में ही रक्षाबंधन का पर्व पूरे रीति-रिवाज से मनाएं।

त्योहार की पवित्रता बनाए रखने का है अवसर

रक्षा बंधन सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते को मजबूती देने का पर्व है। शुभ मुहूर्त में राखी बांधना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे रिश्तों में सकारात्मक ऊर्जा भी आती है। ऐसे में सभी लोगों से अपील है कि इस दिन के मुहूर्त को गंभीरता से लें और भद्राकाल से पहले राखी बांधने की योजना बनाएं। इससे त्योहार की पवित्रता बनी रहेगी और परिवार में सुख-समृद्धि का संचार होगा।

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