Ahoi Ashtmi: करवा चौथ के बाद अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। जैसे करवा चौथ पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है वैसे ही अहोई अष्टमी का व्रत अपने बच्चों की मंगल कामना करते हुए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं अपने बच्चों के लिए सारा दिन निर्जला व्रत करती हैं। अहोई अष्टमी व्रत का उत्तर प्रदेश और बिहार में बहुत बड़ा महत्व है। इस व्रत को कार्तिक माह में करवा चौथ के चौथे दिन और दीपावली से आठ दिन पहले किया जाता है। अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर 2024,बृहस्पतिवार के दिन किया जाएगा। अहोई अष्टमी व्रत को रखने के कुछ नियम बताए गए हैं, जिनको अवश्य करना चाहिए।
ऐसे रखे अहोई अष्टमी व्रत
अहोई अष्टमी के दिन महिलाएं सारा दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसके साथ ही गणेश जी और कार्तिकेय जी का भी पूजन करना जरूरी माना जाता है। इस दिन शाम के समय आप अहोई माता की पूजा करें पूजा के समय अपने बच्चों को भी जरूर शामिल करें। अहोई के दिन दान पुण्य करना भी शुभ माना जाता है। इस दिन गौ माता को जरुर खिलाना चाहिए। अहोई के व्रत का पारण तारों को देखकर किया जाता है। तारे निकलने के बाद जल देकर ही व्रत खोलें।
भूलकर भी नहीं करनी चाहिए ये गलतियां
-अहोई के दिन काला कपड़ा नहीं पहनना चाहिए। बहुत ही अशुभ माना जाता है।
-जो महिलाएं अहोई अष्टमी का व्रत रखती है उन्हें बिल्कुल भी लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्रत खंडित हो सकता है।
-अहोई अष्टमी के दिन भूलकर भी स्टील का कलश या लोटा बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए। इस दिन जल देने के लिए पीतल या तांबे के कलश का इस्तेमाल करें।
-व्रत खोलने के बाद सात्विक भोजन ही करना चाहिए।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। UP Varta News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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