Sunday, December 7, 2025
Homeबिजनेस"नाम लिखा लेकिन हक नहीं मिला!" क्या नॉमिनी को सच में मिल...

“नाम लिखा लेकिन हक नहीं मिला!” क्या नॉमिनी को सच में मिल जाता है सारा पैसा? जानिए असली कानून की कहानी!

Nominee Rights in India: लोग अकसर सोचते हैं कि नॉमिनी बनने का मतलब है पूरी रकम या संपत्ति पर हक मिल जाना, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।

-

अक्सर लोग किसी बैंक अकाउंट, बीमा पॉलिसी या म्यूचुअल फंड में नॉमिनी का नाम यह सोचकर डाल देते हैं कि उनके बाद पूरी रकम नॉमिनी की हो जाएगी। लेकिन असलियत इससे बिल्कुल अलग है। नॉमिनी का नाम दर्ज होने का मतलब केवल यह होता है कि उस पैसे की ज़िम्मेदारी पहले किसके पास जाएगी — यानी नॉमिनी को संस्था की तरफ से रकम सौंप दी जाती है ताकि वह असली वारिसों तक इसे पहुंचा सके।

दरअसल, नॉमिनी को कानून के तहत ‘ट्रस्टी’ यानी प्रतिनिधि माना जाता है, न कि असली मालिक। मतलब, अगर किसी की मृत्यु हो जाए तो नॉमिनी सिर्फ पैसे का केयरटेकर होता है, मालिक नहीं। अगर वसीयत (Will) या उत्तराधिकार कानून के तहत कोई और असली हकदार है, तो वह अदालत में दावा कर सकता है और रकम उसी को मिलेगी।

हर निवेश में अलग नियम, हर जगह नहीं मिलता मालिकाना हक

हर संस्था में नॉमिनी को लेकर अलग नियम लागू होते हैं। बैंक खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट के मामलों में नॉमिनी को रकम लेने का अधिकार जरूर होता है, लेकिन वह रकम उसका निजी हक नहीं होती।
बीमा पॉलिसी में स्थिति कुछ अलग है। अगर वही व्यक्ति पॉलिसी का बेनेफिशियरी (Beneficiary) भी है, तो उसे पूरी रकम का हक मिल सकता है। वहीं, म्यूचुअल फंड, शेयर मार्केट या पीएफ अकाउंट जैसे मामलों में नॉमिनी को रकम अस्थायी रूप से दी जाती है — असली वारिस अगर दस्तावेजों के साथ दावा करता है तो रकम उसी को सौंपी जाती है।

यानी हर निवेश से पहले यह समझना जरूरी है कि नॉमिनी का अधिकार सिर्फ रकम रिसीव करने तक सीमित है या उसमें मालिकाना हक भी है। अगर यह जानकारी न हो, तो आगे चलकर परिवार के भीतर कानूनी विवाद होना तय है।

सही नॉमिनी चुनना क्यों है सबसे अहम?

अक्सर देखा गया है कि लोग जल्दबाजी या लापरवाही में किसी रिश्तेदार का नाम नॉमिनी के रूप में दर्ज कर देते हैं। कई बार उस रिश्ते में भरोसा तो होता है, लेकिन कानूनी जटिलताओं की समझ नहीं। यही वजह है कि बाद में परिवार के बीच झगड़े और कानूनी उलझनें बढ़ जाती हैं।

सही नॉमिनी वही है जिस पर पूरा भरोसा हो कि वह रकम या संपत्ति को असली वारिसों तक ईमानदारी से पहुंचाएगा। इससे न सिर्फ पारिवारिक विवाद से बचा जा सकता है, बल्कि संपत्ति के वितरण की प्रक्रिया भी पारदर्शी और सहज हो जाती है।

कानूनी विशेषज्ञ भी यही सलाह देते हैं कि हर निवेश या पॉलिसी में नॉमिनी अपडेटेड और स्पष्ट होनी चाहिए, ताकि आगे चलकर किसी तरह का विवाद या धोखा न हो।

Read more-Google का चौंकाने वाला कदम! लॉन्च से पहले ही हाथ में होगा नया Pixel फोन, लेकिन आसान नहीं है ये मौका

Related articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest posts