सरकार की “लखपति दीदी योजना (Lakhpati Didi Yojana)” अब महिलाओं के लिए नई उम्मीद बनकर सामने आई है। इस योजना के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों की महिलाएं 1 लाख से लेकर 5 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी ब्याज के प्राप्त कर सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य है कि हर महिला आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने और अपने छोटे व्यवसाय या स्टार्टअप को बढ़ावा दे सके।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ
लखपति दीदी योजना का लाभ मुख्य रूप से स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups – SHGs) से जुड़ी महिलाओं को दिया जाता है।
इन समूहों की महिलाएं सिलाई-कढ़ाई, पशुपालन, सब्जी उत्पादन, ब्यूटी पार्लर, डेयरी जैसे छोटे व्यवसायों में जुड़ी होती हैं। सरकार चाहती है कि ये महिलाएं सालाना कम से कम 1 लाख रुपये की आय प्राप्त करें, जिससे उन्हें “लखपति दीदी” कहा जा सके।
योजना के तहत हर समूह को बैंक से ब्याज मुक्त लोन उपलब्ध कराया जाता है, जिसकी राशि उनके काम के अनुसार तय होती है।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
यदि आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं, तो कुछ जरूरी दस्तावेज तैयार रखना होगा। आवेदन के दौरान इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है—
1. आधार कार्ड – पहचान प्रमाण के लिए
2. बैंक पासबुक – बैंक खाते से लोन ट्रांसफर के लिए
3. समूह सदस्यता प्रमाण पत्र – स्वयं सहायता समूह की सदस्यता का सबूत
4. पासपोर्ट साइज फोटो – आवेदन फॉर्म के साथ
5. आय प्रमाण पत्र या स्वयं घोषणा पत्र – आय संबंधी विवरण के लिए
इन दस्तावेजों के साथ महिला को अपने ब्लॉक कार्यालय या पंचायत समिति में आवेदन जमा करना होता है।
कैसे मिलेगा लोन – प्रक्रिया जानें
लोन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रखी गई है। आवेदन के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा सत्यापन किया जाता है। योग्य उम्मीदवारों को बैंक के माध्यम से सीधे खाते में राशि दी जाती है।
योजना के तहत सरकार ने बैंकों के साथ साझेदारी की है ताकि ब्याज मुक्त लोन जल्द मंजूर हो सके और महिलाओं को किसी बिचौलिए पर निर्भर न रहना पड़े।
महिलाएं इस पैसे से छोटे व्यापार, कृषि कार्य, डेयरी, टेलरिंग या हैंडीक्राफ्ट यूनिट शुरू कर सकती हैं।
लाखों महिलाओं को मिल रहा फायदा
अब तक देशभर में हजारों महिलाएं इस योजना का लाभ ले चुकी हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में यह योजना महिलाओं की जिंदगी बदल रही है।
कई महिलाएं जो पहले गृहिणी थीं, अब अपने पैरों पर खड़ी हैं और दूसरों को रोजगार दे रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2026 तक दो करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनें।
यह योजना न सिर्फ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम है, बल्कि महिला सशक्तिकरण की असली मिसाल भी है।
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