पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से आई एक खबर ने पूरे प्रदेश को सन्न कर दिया है। यहां एक निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली 21 वर्षीय MBBS छात्रा के साथ रेप की वारदात सामने आई है। पीड़िता मूल रूप से ओडिशा के जलेश्वर की रहने वाली बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार, छात्रा हॉस्टल से पास के बाजार जाने के लिए निकली थी। रास्ते में कुछ अज्ञात युवकों ने उसका मोबाइल छीन लिया और जब वह मदद के लिए चिल्लाने लगी, तो उसे जबरदस्ती सुनसान इलाके में ले जाकर दरिंदगी की गई। घटना के बाद पीड़िता किसी तरह वहां से निकलकर थाने पहुंची और मामला दर्ज कराया।
मेडिकल कॉलेज में फैला डर और गुस्सा
वारदात की जानकारी मिलते ही दुर्गापुर के शौभापुर इलाके में स्थित निजी मेडिकल कॉलेज के कैंपस में हड़कंप मच गया। छात्र-छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन से जवाब मांगा और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। कई छात्रों का कहना है कि कैंपस के आसपास स्ट्रीट लाइट्स नहीं हैं और न ही पुलिस पेट्रोलिंग नियमित होती है।
इस घटना ने हाल ही में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई रेप और हत्या की वारदात की यादें ताजा कर दी हैं। अब दुर्गापुर की यह घटना फिर से मेडिकल समुदाय में भय का माहौल बना रही है। छात्र संगठन और स्थानीय लोगों ने देर रात तक विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
SIT की जांच और बढ़ते सवाल
पुलिस ने इस गंभीर मामले को लेकर स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की है। जांच अधिकारी इलाके की CCTV फुटेज खंगाल रहे हैं ताकि अपराधियों की पहचान की जा सके। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण पूरा हो चुका है और रिपोर्ट जल्द कोर्ट में पेश की जाएगी।
वहीं, राज्य महिला आयोग ने भी घटना पर संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष ने कहा, “यह केवल एक छात्रा के साथ हुई घटना नहीं, बल्कि हर उस लड़की के साथ अन्याय है जो पढ़ने आई थी और सुरक्षित माहौल की उम्मीद रखती थी।”
सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर महिला सुरक्षा के नाम पर किए गए दावों का क्या हुआ, जब छात्राएं ही पढ़ाई के दौरान सुरक्षित नहीं हैं।
शिक्षा के मंदिर में असुरक्षा का साया
दुर्गापुर की यह घटना एक कड़वा सच उजागर करती है — कि आज भी महिला सुरक्षा सिर्फ भाषणों और पोस्टरों तक सीमित है। पढ़ाई के लिए घर छोड़कर आई छात्रा के साथ इस तरह की हैवानियत ने समाज को शर्मसार कर दिया है। जरूरत है ऐसे अपराधियों के खिलाफ उदाहरण पेश करने वाली सजा की, ताकि कोई भी आगे ऐसी घिनौनी हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।
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