पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक मेडिकल छात्रा के साथ हुए गैंगरेप ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। यह दिल दहला देने वाली घटना शुक्रवार रात हुई, जब एक एमबीबीएस छात्रा अपने दोस्त के साथ कॉलेज से बाहर खाना खाने निकली थी। इसी दौरान कुछ युवकों ने उसे जबरन उठाकर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। मामले में जहां पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं दो आरोपी अभी भी फरार हैं। इस बीच, लड़की का दोस्त मौके से भाग निकला, जिससे मामले में और भी सस्पेंस जुड़ गया है। घटना के बाद पुलिस ने न्याय का भरोसा दिलाया है लेकिन लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है।
‘रात में लड़कियां बाहर न निकलें’—ममता का बयान बना नया विवाद
घटना के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुप्पी तोड़ी, लेकिन उनके बयान ने एक नई बहस छेड़ दी। ममता ने गैंगरेप की निंदा करने की बजाय, लड़कियों को रात में बाहर न निकलने की सलाह दी, जिससे महिला संगठनों और विपक्षी दलों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने कहा कि “रात में लड़कियों को कॉलेज से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए”, जो कि पीड़िता के प्रति सहानुभूति की बजाय जिम्मेदारी उसी पर डालने जैसा माना जा रहा है। इसके साथ ही ममता ने ओड़िशा में समुद्र किनारे हुए एक अन्य गैंगरेप का जिक्र कर वहां की सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए, मानो वे अपने राज्य की विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही हों।
राजनीति में घमासान, महिला सुरक्षा पर सवाल
घटना के बाद बंगाल की राजनीति में भूचाल आ गया है। विपक्ष के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह ममता सरकार की सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी है और आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर कब तक महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार यूं ही आंख मूंदे बैठेगी? वहीं, ममता सरकार खुद को बचाने की कोशिश में ओड़िशा की घटनाओं का हवाला दे रही है, जिससे राज्य की जनता और भी ज्यादा निराश नजर आ रही है। इस पूरे प्रकरण ने न केवल महिला सुरक्षा बल्कि राजनीतिक संवेदनशीलता को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है।
RAED MORE-रामलला के दरबार में कुछ ऐसा हुआ कि भक्त रह गए हैरान…
