हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की कथित आत्महत्या के बाद अब मामला तूल पकड़ चुका है। चंडीगढ़ में रविवार को आयोजित महापंचायत में दलित समाज के हजारों लोग इकट्ठा हुए और दिवंगत अधिकारी के परिवार को न्याय दिलाने की मांग उठाई। पंचायत ने हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को 48 घंटे का वक्त देते हुए साफ कहा कि अगर डीजीपी शत्रुजीत कपूर पर कार्रवाई नहीं हुई, तो चंडीगढ़ प्रशासक का घेराव किया जाएगा।
महापंचायत में यह भी फैसला लिया गया कि करीब पांच लाख वाल्मीकि समाज के कर्मचारी कामकाज बंद कर सकते हैं, जिससे सफाई व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा। ये चेतावनी अब पूरे राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर रही है।
“अब आंदोलन पूरे देश में होगा” – दलित समाज की चेतावनी
आईपीएस वाई पूरन कुमार की मौत को लेकर हरियाणा के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। यमुनानगर, करनाल, पानीपत और रोहतक समेत कई जगहों पर दलित समाज के लोग सड़कों पर उतरे। नई अनाज मंडी में भारी भीड़ जमा हुई और वहां से लघु सचिवालय तक पैदल मार्च निकाला गया।
प्रदर्शनकारियों ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र बिजलानिया की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारेबाजी की। उनका आरोप है कि सरकार इन दोनों अधिकारियों को बचाने की कोशिश कर रही है। जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।
“डीजीपी के घर का घेराव करेंगे” – युवा नेताओं का ऐलान
दलित युवा नेताओं ने साफ कहा है कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन सड़कों से उठकर सीधे अधिकारियों के घरों तक पहुंचेगा। उन्होंने एलान किया कि अगला कदम डीजीपी शत्रुजीत कपूर के घर का घेराव होगा।
स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सचिवालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए राज्यपाल तक बात पहुंचाने की मांग की। फिलहाल माहौल तनावपूर्ण है और लोगों में यह सवाल गूंज रहा है कि आखिर एक आईपीएस की मौत का सच कब सामने आएगा?
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