Ahmedabad: एक महिला की शादी के खास दिन पर डिज़ाइनर ब्लाउज समय पर न मिलने से उसके जश्न में खलल पड़ गया और मामला अब अदालत तक पहुंच गया है। पूनमबेन हितेश भाई पारिया ने नवरंगपुरा के सोनी डिज़ाइनर शॉप से अपनी शादी के लिए खास डिज़ाइन वाला ब्लाउज सिलवाया था। लेकिन ब्लाउज समय पर तैयार नहीं हुआ, जिससे शादी का उत्सव अधूरा और तनावपूर्ण बन गया। महिला ने पहले ही ब्लाउज का पूरा भुगतान 4,395 रुपये कर दिया था, लेकिन टेलर ने उसे समय पर नहीं दिया। इस घटना ने उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की दखल की राह खोल दी।
सेवा में कमी और मानसिक परेशानी का मामला
कंज्यूमर कोर्ट ने शॉप के मालिक की जवाबदेही तय करते हुए इसे सेवा में कमी माना। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि केवल पैसा लौटाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि ग्राहक को हुई मानसिक प्रताड़ना का भी मुआवजा देना आवश्यक है। आयोग ने यह साफ किया कि उपभोक्ता के साथ समय पर सेवा न देने का असर सिर्फ आर्थिक नहीं होता, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक स्तर पर भी होता है। इस केस में, शादी जैसी अहम और जीवनभर याद रहने वाली घटना पर ब्लाउज न मिलने से महिला और उसके परिवार को काफी मानसिक दबाव झेलना पड़ा।
नुकसान की भरपाई का आदेश और चेतावनी
कोर्ट ने टेलर को आदेश दिया कि वह पूनमबेन को आर्थिक हर्जाना चुकाए। इससे यह स्पष्ट संदेश गया कि उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी करना महंगा पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के मामले सिर्फ उपभोक्ता संरक्षण का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि व्यापारिक प्रतिष्ठा और ग्राहक संतुष्टि की दिशा में भी एक चेतावनी हैं। स्थानीय समाज में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है और अन्य व्यापारियों को यह उदाहरण दिखाता है कि समय पर सेवा और ग्राहकों की भावनाओं का सम्मान करना कितना महत्वपूर्ण है।
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