मेक्सिको सिटी: रात के अंधेरे में अचानक मेक्सिको की सड़कों पर ऐसे दृश्य सामने आए कि बड़े-बड़े लोग हैरान रह गए। खून से सना चेहरा, हड्डियों जैसी पोशाक और डरावनी मुस्कानें—लगता था जैसे मृतक जिंदा होकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। लेकिन यह कोई हॉरर फिल्म का सेट नहीं, बल्कि मेक्सिको का मशहूर “Day of the Dead” (डे ऑफ़ द डेड) उत्सव था। हर साल दो दिन तक मनाया जाने वाला यह त्यौहार मृतक पूर्वजों की याद में मनाया जाता है और लोगों को उनकी सांस्कृतिक परंपराओं में डुबो देता है।
ला कट्रिना: मृतक का रंगीन चेहरा
मेक्सिको सिटी की मुख्य सड़कों पर सैकड़ों लोग ला कट्रिना की पोशाक में सजे-धजे परेड में शामिल हुए। उनके चेहरे पर कंकाल जैसी पेंटिंग और रंग-बिरंगे कपड़े देखकर किसी को यह एहसास ही नहीं हुआ कि यह असली जीवन है। ढोल-नगाड़ों की थाप और गेंदे के फूलों से सजी गाड़ियां इस उत्सव को जीवंत बनाती हैं। परेड में शामिल ओलिविया लोपेज ने कहा, “मेक्सिको एक समृद्ध संस्कृति वाला देश है और डे ऑफ़ द डेड इसका सबसे बड़ा उत्सव है।”
सड़कों पर रंगों का विस्फोट और परंपरा का जश्न
इस उत्सव की खासियत यह है कि यह केवल डरावना नहीं है, बल्कि रंगों, संगीत और खुशियों का प्रतीक भी है। लोग परंपरागत नृत्य करते हैं, गीत गाते हैं और अपने प्रियजनों के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह परंपरा लगभग 2,000 साल पुरानी मानी जाती है और सेंट्रल तथा साउथ मेक्सिको में इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। डे ऑफ़ द डेड केवल मृतकों को याद करने का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है।
