वीमेंस वर्ल्ड कप 2025 के सेमीफाइनल में भारत की बेटियों ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई। इस जीत की सबसे बड़ी नायिका रहीं टीम इंडिया की स्टार बल्लेबाज़ जेमिमा रोड्रिगेज, जिन्होंने दबाव भरी स्थिति में 127 रनों की नाबाद पारी खेली। 13 रन पर पहला विकेट गिरने के बाद मैदान पर उतरी जेमिमा ने अपने शांत स्वभाव और मजबूत मानसिकता से भारत को संभाला और अंत तक डटी रहीं। उनकी यह पारी न सिर्फ तकनीक का, बल्कि आत्मविश्वास और समर्पण का भी उदाहरण बन गई।
मैदान से स्टैंड तक पहुँची भावनाएँ
मैच खत्म होने के बाद का दृश्य हर भारतीय के दिल में बस गया। जैसे ही भारत ने विजयी रन पूरा किया, जेमिमा के चेहरे पर मुस्कान के साथ आँसू भी झलक उठे। टीम के जश्न के बीच वह सीधे स्टैंड की ओर बढ़ीं, जहाँ उनके माता-पिता और भाई मैच देखने आए थे। वहाँ पहुँचते ही जेमिमा अपने पिता के गले लग गईं और कुछ क्षणों तक बस रोती रहीं। यह आँसू खुशी, मेहनत और उस सपने के पूरे होने के थे, जिसे उनके परिवार ने साथ मिलकर जिया था।
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उनके भाई ने भी इस मौके पर बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस पल को कैमरों ने कैद कर लिया, और कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया। लाखों लोगों ने इसे देखकर लिखा – “यह सिर्फ क्रिकेट नहीं, यह भावनाओं का त्योहार था।”
परिवार की मौजूदगी में खेली करियर की सबसे बड़ी पारी”
जेमिमा के लिए यह मुकाबला और भी खास इसलिए था क्योंकि यह उनके “होम ग्राउंड” यानी नवी मुंबई में खेला गया था। बचपन से इसी मैदान पर अभ्यास करने वाली जेमिमा के लिए यहाँ शतक बनाना किसी सपने से कम नहीं था। दर्शकों में उनके परिवार के साथ-साथ बचपन के कोच, दोस्तों और स्कूल के साथी भी मौजूद थे।
मैच के बाद जेमिमा ने कहा, “इस मैदान पर मैंने क्रिकेट सीखी है। आज जब मेरे माता-पिता यहाँ थे और मैं टीम को फाइनल में पहुँचा पाई, तो ये मेरे जीवन का सबसे खास पल है।” उनकी इस बात पर स्टेडियम तालियों से गूंज उठा।
टीम की साथी खिलाड़ियों ने भी उनके प्रदर्शन की जमकर तारीफ की। कप्तान ने कहा, “जेमिमा ने आज क्लास, धैर्य और जुनून का कमाल दिखाया। उन्होंने भारत को नहीं, पूरे विश्व को प्रभावित किया है।” इस जीत के बाद #JemimahRodrigues और #ProudMomentForIndia सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे।
परिवार और देश का गर्व
जेमिमा रोड्रिगेज सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि प्रेरणा बन चुकी हैं। उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि जब परिवार साथ हो और मेहनत सच्ची हो, तो सपने ज़रूर पूरे होते हैं। उनके पिता खुद भी कोच रहे हैं और उन्होंने जेमिमा को बचपन से क्रिकेट के प्रति समर्पण सिखाया। जेमिमा ने कई बार कहा है कि “मेरी सबसे बड़ी ताकत मेरा परिवार है।”
फाइनल से पहले भारत की टीम का आत्मविश्वास अपने चरम पर है, और हर भारतीय को उम्मीद है कि जेमिमा की यह फॉर्म फाइनल में भी जारी रहेगी। उनकी यह पारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक संदेश छोड़ गई — कि सफलता के पीछे सिर्फ प्रतिभा नहीं, बल्कि भावनाएँ, संघर्ष और परिवार का विश्वास भी उतना ही अहम होता है।
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