पाकिस्तान क्रिकेट में एक बार फिर धर्म और राजनीति का तड़का लग गया है। मोहम्मद रिजवान, जिन्होंने पिछले एक साल में अपनी कप्तानी से टीम को स्थिरता दी थी, अब अचानक वनडे कप्तानी से बाहर कर दिए गए हैं। उनकी जगह शाहीन शाह अफरीदी को वनडे टीम की कमान सौंपी गई है। लेकिन यह बदलाव सिर्फ “क्रिकेटिंग रीज़न” का नतीजा नहीं लगता। पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने दावा किया है कि रिजवान को उनकी धार्मिक पहचान और फिलिस्तीन के समर्थन की वजह से निशाने पर लिया गया। लतीफ के मुताबिक, “उन्होंने फिलिस्तीन का झंडा उठा लिया, तो क्या अब यही उनकी गलती बन गई?” यह बयान अब पाकिस्तान क्रिकेट में गहराई तक मौजूद वैचारिक टकराव को उजागर कर रहा है।
ड्रेसिंग रूम में इस्लामिक कल्चर से परेशानी?
राशिद लतीफ ने अपने बयान में बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि हेड कोच माइक हेसन को ड्रेसिंग रूम में इस्लामिक कल्चर पसंद नहीं था। उनका कहना है कि रिजवान हमेशा से एक धार्मिक खिलाड़ी रहे हैं और टीम में नमाज, कुरान पाठ जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देते थे। लतीफ बोले, “माइक हेसन की 5-6 लोगों की टीम है, जो इस कल्चर को रोकना चाहती है। लेकिन सवाल यह है कि जब इंजमाम, सकलैन मुश्ताक और सईद अनवर जैसे खिलाड़ी इस माहौल में खेले, तब किसी को दिक्कत क्यों नहीं हुई?”
इस बयान के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की कार्यशैली और चयन नीति पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भी यह बहस छिड़ गई है कि क्या अब पाकिस्तान टीम में धार्मिक झुकाव “कप्तानी के लिए खतरा” बन गया है?
तीन कप्तान, तीन फॉर्मेट—PCB में उलझी डोर!
फिलहाल पाकिस्तान क्रिकेट में तीनों फॉर्मेट में तीन कप्तान हैं। टेस्ट की कमान शान मसूद संभाल रहे हैं, जो इस वक्त दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में व्यस्त हैं। वनडे टीम की बागडोर अब शाहीन अफरीदी के हाथों में है, जबकि टी20 टीम की कमान सलमान आगा को दी गई है। यह “ट्रिपल-कप्तान फॉर्मूला” पाकिस्तान क्रिकेट के लिए नया नहीं, लेकिन इस बार यह विवादों से भरा है। क्रिकेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे टीम की एकजुटता पर असर पड़ सकता है।
रिजवान के समर्थक मानते हैं कि उन्हें हटाना “रणनीतिक” नहीं बल्कि “आदर्शिक” फैसला है। अब सबकी निगाहें शाहीन अफरीदी पर हैं—क्या वे इस विवाद से ऊपर उठकर टीम को एक दिशा दे पाएंगे, या यह विवाद पाकिस्तान क्रिकेट में नई दरारें पैदा करेगा?
