भारत और पाकिस्तान के बीच खेल मुकाबले अक्सर रोमांच और भावनाओं से भरपूर होते हैं। लेकिन हाल ही में हुए एक हॉकी मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने वह कर दिखाया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। मैच के बाद भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाया — और इसी तस्वीर ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी।
“हमें उनमें दुश्मन नहीं दिखता” – रोशन कुजुर
टीम इंडिया के मिडफील्डर रोशन कुजुर ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा “ऐसा नहीं था कि हमें हैंडशेक से रोका गया था। हम खिलाड़ी हैं, हमें अपने खेल और मेहनत पर ध्यान देना चाहिए। हमें उनमें दुश्मन नहीं, सिर्फ प्रतिद्वंद्वी दिखते हैं।”
उनका यह बयान अब सोशल मीडिया पर वायरल है। कई लोग इसे “खेल भावना की मिसाल” बता रहे हैं, तो कुछ इसे “नरमी” कहकर आलोचना कर रहे हैं।
जीत की चाह, लेकिन सम्मान बरकरार
कुजुर ने आगे कहा कि टीम इंडिया हमेशा पाकिस्तान को हराना चाहती है, लेकिन इस बार मैच ड्रॉ रहा। उन्होंने कहा “हम हर बार जीत के लिए खेलते हैं, लेकिन खेल में सम्मान भी उतना ही जरूरी है।”
उनके इस बयान से यह साफ झलकता है कि मैदान की जंग के बावजूद दोनों टीमों में आपसी सम्मान कायम है।
सोशल मीडिया पर बंटे रिएक्शन
रोशन कुजुर के इस बयान पर सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट गया है। कुछ फैंस ने कहा कि “यही असली स्पोर्ट्समैनशिप है”, जबकि कुछ ने इसे “राष्ट्रीय भावनाओं के खिलाफ” बताया। हालांकि, खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यही भावना अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत की पहचान बनाती है।
खेल से बड़ा है इंसानियत का रिश्ता
हॉकी जैसे खेल में जहां प्रतिस्पर्धा तीखी होती है, वहीं कुजुर का यह बयान याद दिलाता है कि खेल की असली जीत तभी होती है, जब प्रतिद्वंद्वी को भी सम्मान दिया जाए। यह केवल एक मैच नहीं, बल्कि एक संदेश था – कि खेल मैदान पर ही सीमित रहना चाहिए।
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