Saturday, November 15, 2025

क्रिकेट लीग में हाई-वोल्टेज फ्रॉड! क्रिस गेल समेत कई इंटरनेशनल स्टार्स के साथ हुआ बड़ा खेल, आयोजक लापता

श्रीनगर में आयोजित इंडियन हेवन प्रीमियर लीग (IHPL) अब एक बड़े विवाद में फंस गई है। यह लीग क्रिकेट के नाम पर एक धोखाधड़ी निकली, जिसमें विदेशी और भारतीय खिलाड़ियों को पेमेंट नहीं दी गई। सूत्रों के मुताबिक, वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिस गेल, पाकिस्तान के मोहम्मद इरफान और श्रीलंका के थिसारा परेरा जैसे खिलाड़ियों ने भी इसमें हिस्सा लिया था। लेकिन टूर्नामेंट खत्म होने के बाद आयोजक कथित रूप से गायब हो गए और खिलाड़ियों को उनका पैसा नहीं मिला।

खिलाड़ियों की शिकायत के बाद दर्ज हुई FIR

इस पूरे मामले में तब हंगामा मच गया जब कुछ खिलाड़ियों ने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद आयोजकों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोपों में FIR दर्ज कर ली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयोजकों ने करोड़ों रुपये की स्पॉन्सरशिप ली थी, लेकिन टूर्नामेंट खत्म होने के बाद किसी को भी उसका हिस्सा नहीं दिया गया। खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें “एक हफ्ते में पेमेंट” का वादा किया गया था, लेकिन अब आयोजकों के फोन तक बंद हैं।

सोशल मीडिया पर बढ़ा हंगामा

इस लीग से जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिनमें क्रिस गेल समेत अन्य खिलाड़ी खेलते हुए नजर आ रहे हैं। फैन्स अब आयोजकों की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा – “क्रिकेट की इज्जत को धंधा बना दिया गया है।” वहीं कुछ ने बीसीसीआई और इंटरनेशनल क्रिकेट बोर्ड से दखल की मांग की है।

पुलिस ने की जांच तेज, इंटरनेशनल लिंक की पड़ताल

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टीम गठित की है। अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में लीग के आयोजकों के देश से बाहर भागने की संभावना है। पुलिस साइबर ट्रांजैक्शन और बैंक खातों की भी जांच कर रही है। कुछ अधिकारियों ने बताया कि लीग को “विदेशी फंडिंग” मिली थी, जिसकी सत्यता भी जांची जा रही है।

लीग का अंत ‘धोखे’ में, क्रिकेट फैंस में निराशा

IHPL को “क्रिकेट टूरिज्म” बढ़ाने के नाम पर शुरू किया गया था, लेकिन अब यह एक फ्रॉड स्कीम में बदल गई। श्रीनगर में पहली बार इस तरह के टूर्नामेंट को लेकर उत्साह था, लेकिन अब लोगों में निराशा और गुस्सा दोनों है। क्रिकेट एसोसिएशन ने भी कहा है कि ऐसे आयोजन राज्य की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं और खिलाड़ियों के भरोसे को तोड़ते हैं।

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