Shani Amavasya 2025: इस साल चैत्र की अमावस्या तिथि शनिवार को पड़ रही है इसीलिए शनि अमावस्या का खास संयोग बन रहा है। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। कहते हैं कि पीपल के पेड़ में कई देवताओं का वास होता है। पौराणिक मान्यता है कि शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से घर से दरिद्रता चली जाती है। आईए आगे आर्टिकल में जानते हैं कि किस दिन और किस समय पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए।
प्रदोष काल के समय जलाएं दीपक
शास्त्रों के अनुसार शाम के समय यानी सूर्यास्त के समय पीपल के नीचे दिया जलाना चाहिए। सूर्यास्त से लेकर प्रदोष काल के दौरान पीपल के नीचे दिया जलाने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है। पीपल के नीचे रात के 9 के बाद दीपक जलाना शुभ नहीं होता है। शनि देव की कृपा पाने के लिए अमावस्या पर रात 9 के बाद भूल कर भी दीपक नहीं जलाना चाहिए।
जाने दीपक जलाने का शुभ समय
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक हमेशा शाम के 5 से 7 बजे के बीच जलाना चाहिए। अमावस्या के दिन इस समय दीपक जलाने से शनि देव की कृपा बनी रहती है और कुंडली में शनि देव से भी छुटकारा मिलता हैं। जो कोई शनिदेव की पूजा अर्चना सही समय पर करता है उसकी पूजा का फल प्राप्त होता है।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है। UP Varta News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)